कालागढ़ में हुए मजदूर आंदोलन के दमन को इतिहास में क्यों नहीं मिली जगह
कालागढ़ में हुए मजदूर आंदोलन के दमन को इतिहास में क्यों नहीं मिली जगह ? अशोक मधुप मई 16, 2022 12:43 कालागढ़ में हुए मजदूर आंदोलन के दमन को इतिहास में क्यों नहीं मिली जगह ?Creative Commons licenses वर्कचार्ज कॉलोनी में पूरब और बिहार के मजदूर थे। इनके परिवार प्रायः यहां नहीं रहते थे। फायरिंग होने के बाद ये मजदूर पहाड़ों में भाग गए। पहाड़ों में जाने वालों का क्या हुआ, कुछ पता नहीं चला। कितने मरे कितने बचे, किसी ने पता लगाना गंवारा नहीं किया। देश के विकास की गाथा लिख रहे कालागढ़ उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) के श्रमिकों को 55 साल पूर्व आज ही के दिन पुलिस ने गोली ने छलनी किया था। उन्हें बूटों से कुचला गया था। श्रमिकों के परिवारों पर बर्बर जुल्म हुए थे। इस घटना को कहीं दर्ज नहीं किया गया। कौन मरे? कितने मरे? ये भी आज तक कोई नहीं जानता। कालागढ़ के पुराने लोग सिर्फ इतना ही कहते हैं कि वर्कचार्ज कॉलोनी घायलों और लाशों से पट गई थी। पीएसी ने शवों को ट्रकों में भरकर ले जाकर रामगंगा में बहा दिया। पीएसी के आतंक से भयभीत श्रमिक पहाड़ों पर चढ़ गए। जो पहाड़ों पर चढ़ गए, वे वापस नहीं लौटे। कहा जाता है