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Showing posts from June, 2023

स्रोत नदी का उदगम बिजनौर

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 स्रोत नदी का उदगम बिजनौर डीएम   उमेश मिश्र  बिजनौर की मालन नदी में प्राण फूंकने के प्रयास में हैं।वह अमरोहा कि सोत नदी  को भूल गए। उन्होंने  अमरोहा में अपनी तैनाती  के दौरान इस नदी के कब्जे हटवाकर इसमें प्राण फूंकने के लिए कार्य किया थ। आज वह बिजनौर में जिलाधिकारी हैं।उन्हें यह जानना भी जरूरी है  कि अमरोहा की स्रोत  नदी  का उदगम  बिजनौर है।   अमरोहा की तत्कालीन जिलाधिकारी  कंचन वर्मा ने सोत नदी की सफाई का अभियान चलाया था, लेकिन उनका तबादला हो गया। उसके बाद जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने फिर इसकी सफाई कराई और लोगों को इस नदी से जोड़ने का अभियान चलाया। यह बरसाती नदी है।  सोत नदी का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। इस नदी को बरसाती नदी कहा जाता है। यानि अमरोहा के साथ-साथ नौगावां सादात व इससे जुड़े गांवों के बरसात का पानी समेटने वाली नदी शुरुआत में काफी बड़ी थी। वर्ष 1921 में भारी बारिश की वजह से ट्रेन के गुजरते समय इसका पुल टूट गया था और इंजन समेत दो बोगियां उसमें समा गयी थी। यह ट्रेन हादसा काफी बदनुमा भी है। इस गाड़ी की पिछली बोगी में मुल्क के मशहूर हकीम अजमल खां और उनके शागिर्द हकीम रशीद अहमद ख

बिजनौरवासी जानते भी नहीं राव कदम सिंह को

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। बिजनौर की आजादी की 1857 की लड़ाई में राव कदम सिंह गुर्जर का बड़ा योगदान है, किंतु बिजनौरवासी उनके बारे में जानते भी नहीं। उन्होंने 1857 की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया । राव कदमसिंह गुर्जर 1857 के स्वतंत्रता संग्राम मे मेरठ के पूर्वी क्षेत्र में क्रान्तिकारियों के नेता थे। इन्होंने मेरठ से बिजनौर तक आजादी की लड़ाई लड़ी। बिजनौर के नवाब महमूद के साथ ये आजादी की लड़ाई में शामिल हुए।नजीबाबाद पर अंग्रेजों की फतह के बाद इनका कुछ पता नही चला। इतने बड़े बलिदानी के बारे में बिजनौर में किसी ने जानना और खोजना भी गंवारा नहीं किया। 1857 की क्रान्ति की शुरूआत 10 मई 1857 की संध्या को मेरठ मे हुई थी और इसको समस्त भारतवासी 10 मई को प्रत्येक वर्ष क्रान्ति दिवस के रूप में मनाते हैं। क्रान्ति की शुरूआत करने का श्रेय अमर शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर को जाता है ।10 मई 1857 को मेरठ में विद्रोही सैनिकों और पुलिस फोर्स ने अंग्रेजों के विरूद्ध साझा मोर्चा गठित कर क्रान्तिकारी घटनाओं को अंजाम दिया। सैनिकों के विद्रोह की खबर फैलते ही मेरठ की शहरी जनता और आस-पास के गांव विशेषकर पांचली, घाट, नंगला, गगोल इत्यादि