कार सेवा के लिए वह जनून अदभुत, अकल्पनीय था
अशोक मधुप वरिष्ठ पत्रकार उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार। भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए कार सेवा करने का आह्वान किया। तारीख 30 अक्तूबर 1990 निर्धारित की गई।मुलायम सिंह ने कहना शुरू कर दिया कि कार सेवा की बात क्या कोई अयोध्या की बाबरी मश्जिद की और मुंह करने देख भी नही सकेगा।अयोध्या में परिंदा भी पर नही मार सकेगा। उसके ये भाषण हिंदू समाज के लिए चेतावनी थे। सनातन धर्म को खुला चैंलेंज था।ऐसे में हिंदुओं में अपनी ताकत, क्षमता, शौर्य और साहस दिखाने की ललक प्रज्जवित हो गई।सिर पर भगवा लपेट कर राम पर सर्वस्व लुटाने के लिए धर्मरक्षक घरों से अयोध्या के लिए निकल पड़े। किसी ने ये नही सोचा की क्या होगा।कोई लाठी−डंडा , तलवार भाला, बंदूक कुछ नही।सिर्फ आत्मशक्ति के बूते एक जोड़ी कपड़े ,हलका −फुल्का रास्ते में खाने− पीने का सामान लेकर दीवानों की टोलियां पूर देश से अयोध्या के लिए निकल पड़ीं। दरअस्ल हम भारतीय सब कुछ बर्दांश्त कर सकतें हैं। धर्म और सम्मान का अपमान नही। देश लगभग 700 साल मुस्लिम और दो सौ साल अंग्रेजों का गुलाम रहा।इस दौरान