Posts

Showing posts from May, 2023

दरगाहे नजफे हिन्द जोगिरमपुरी पर चिंगारी सांध्य में मेरा लेख। दरगाहे नज्फे हिंद के लिए बने व्यापक योजना

Image
  दरगाहे नजफे हिन्द जोगिरमपुरी पर चिंगारी सांध्य में मेरा लेख। दरगाहे नज्फे हिंद के लिए बने व्यापक योजना अशोक मधुप वरिष्ठ पत्रकार शियाओं के प्रसिद्ध दरगाह उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के दरगाहे आलिया नज्फे हिंद जोगीरमपुरी के लिए एक व्यापक योजना बनाने और उस पर अमल करने की जरूरत है।ऐसा इंतजाम किए जाने की जरूरत है कि यहां आने वाले अकीदतमंदों को परेशानी न उठानी पड़े। हर साल गेंहू की फसल के कटने के बाद होने वाली चार रोजा मजलिस में लाखों की संख्या में अकीदतमंद आते हैं। इस स्थान को इतना लोकप्रिय किया जाए कि यहां हर समय अंकीदतमंद आए। इससे जनपद में टूरिज्म बढ़ेगा। जनपदवासियों की आए बढ़ेगी। 25 मई से उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर के जोगीरम्पुरी में चार दिवसीय मजलिस शुरू हो रही हैं।जोगीरम्पुरी शिया मुस्लिमों का प्रसिद्ध स्थल है। इसे नजफे हिंद भी कहा जाता है।अरब के बाद शिया मुसलमानों का ये दुनिया में सबसे महत्व का धार्मिक स्थान है । मान्यता है कि यहां हजरत अली घुड़सवारी दस्ते के साथ आए थे। चार दिन की मजलिसों में लाखों अकीदतमंद पूरी दुनिया से शामिल होने आते हैं। दरगाह के एक प्रवक्

नगर पालिकाएं चुंगी ही नही वसूलती थी,अपितु चुंगी स्कूल भी चलाती थीं

Image
  आज 28 अप्रेल 2023 के चिंगारी सांध्य में मेरा लेख। नगर पालिकाएं चुंगी ही नही वसूलती थी,अपितु चुंगी स्कूल भी चलाती थीं- -- नगर पालिकाएं चुंगी ही नही वसूलती थीं, अपितु चुंगी स्कूल भी चलाती थीं। इनके अपने स्कूल होते थे। चुंगी की हालत यह थी कि बाहर से आने वाले वालों पर चुंगी स्टाफ नजर रखता था।आने वाले सामान का निरीक्षण करता।चुंगी लगने योग्य सामन पर चुंगी वसूलता। लोग−बाग प्रयास करते कि चुंगी न देनी पड़े। इसके लिए वे दूसरे रास्ते निकालते ।जंगल के रास्ते खेतों से होकर भी घर आते। पालिका स्टाफ का सबसे ज्यादा जोर देहात से आने वाले साइकिल सवार को पकड़ना और उनसे पालिका का एक साल का टैक्स तीन रूपया वसूलना था। नगर क्षेत्र के भी कमजोर तबके के लोगों से ये साइकिल का का महसूल ही वसूल कर पाते थे।प्रभावशाली को महसूल वसूल करने वाला स्टाफ सलाम मारता था तथा उन्हें जाने देता।नगर पालिका बोर्ड के सुपरसीट होने के समय में साइकिल का महसूल सरकार ने खत्म किया। जावेद आफताब 1989 में पालिका के चेयरमैन बने। इनके चुने जाने तक रिक्शा, घोड़े तांगे पर महसूल लिया जाता था। श्री जावेद आफताब साहब को रिक

घटिया सड़क तुड़वाकर दुबारा बनवाई

Image
आज 30 अप्रेल 2023 के चिंगारी सांध्य में मेरा लेख- घटिया सड़क तुड़वाकर दुबारा बनवाई अशोक मधुप बिजनौर नगर पालिका में एक ऐसी भी चेयरमैन हुए हैं इन्होंने घटिया सड़क निर्माण की शिकायत पर सड़क की जांच की ।जांच में सड़क में घटिया सामग्री मिलने पर सड़क को तुड़वाया सामने खड़े होकर अव्वल दर्जे की ईंट से दुबारा सड़क बनवाई। यह किस्सा है बिजनौर पालिका के दो बार चेयरमैन रहे स्वर्गीय ब्रजीश कदर साहब का। ब्रजीश कदर के नवासे खुर्रम अली अकबर बताते हैं कि नाना जब चेयरमैन बने तो कुछ लोग मिठाई लेकर आए। उन्होंने मिठाई लेने से मना कर दिया। कहा कि आप ये मिठाई मेरे लिए नहीं मेरी कुर्सी के लिए लेकर आए हो। अगर चेयरमैन पदसे हटने के बाद भी मिठाई लाने का वादा करो तो मैं मिठाई ले लूंगा ,नहीं तो वापस ले जाएं। और उन्होंने सबकी मिठाई वापस कर दी। श्री खुर्रम बतातें हैं कि उन्होंने सदा अपने परिवार को ईमानदारी और नेकनियति पर चलने को कहा । परिजनों को बताया उनकी चेयरमैन बनने पर जो लोग मिठाई लाए थे, उनके पद का लाभ उठाने के लिए लेकर आए थे। उनके लिए नहीं। इसीलिए उन्होंने मिठाई लौटा दी। वे बताते हैं कि उनके सम

ऐसे थे कामरेड जफर एक मई 2023 के चिंगारी सांध्य में मेरा लेख

Image
  आज के चिंगारी सांध्य में मेरा लेख- ऐसे थे कामरेड जफर अशोक मधुप बिजनौर जनपद के कस्बा झालू की ग्राम पंचायत चुनाव की एक रोचक घटना आज तक भी नहीं भूला। नहटौर क्षेत्र के ग्राम अलीपुर के रहने वाले कामरेड जफर अंसारी1968 के आसपास झालू आयेऔर राजनीति में सक्रिय हो गए। झालू जफर साहब का ननसाल था।नन्हे घुइयां इनके मामा होते थे। कामरेड जफर ने झालू में रहकर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का गठन करना शुरू कर दिया। इस पार्टी से काफी लोग जुड़ते चले गए। धीरे-धीरे 1972 का नगर पंचायत का चुनाव आ गया। झालू के एक हिंदू क्रेशर मालिक ने चुनाव लड़ने का निश्चय किया। उन्होंने जफर से संपर्क किया। कहा कि वह चुनाव लड़े। चौधरी साहब ने जफर को नामजदगी का पैसा तथा चुनाव लड़ने के लिए धन भी दिया। इन महानुभाव का सोच था कि झालू में मुस्लिम आबादी ज्यादा है। यदि इस बार दो मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव लड़ जाएं तो मुसलमानों का वोट बंट जाएगा और वह अकेले हिंदू है। इसलिए हिंदुओं का एकजुट मिलने से वह जीत जाएंगे। कामरेड जफर ने नामजद करा दी। प्रचार शुरू हो गया। जफर संपर्क में निकलते तो वे हिंदू ,मुस्लिम, दलित और वाल्मीकि सबके घर