बिजनौर ब्रांच लाइन
बिजनौर− चांदपुर रेलवे लाइन 1911 में हुई। यह जानकारी बिजनौर जनपद के गजेटियर के 1928 के सप्लीमेंटरी नोटस में दी गई। कहा गया कि इस लाइन को मोजमपुर तक बढ़ाने का कार्य चल रहा है।1935 के सप्लामेंटरी नोटस में कहा गया है कि इस्ट इंडिया रेलवे की यह ब्रांच लाइन चांदपुर बिजनौर मोजमपुर तक बढ़ा दी गई। इसका शुभारंभ जनवरी पांच 1930 को किया गया।
बुजुर्ग बताते हैं कि एक बार बरसात बहुत थी। रेलवे ट्रक पानी में डूबा था। गजरौला से नजीबाबाद के लिए ट्रेन जा रही थी। चांदपुर से आगे ट्रेक पर पानी ही पानी था। चालक ट्रेक पर पानी होने के बावजूद ट्रेन चलाता रहा। सिसौना के पास बनी रेल की पुलिया ढह गई। इंजिन ओर दो डिब्बे उसमें समा गए। इंजिन और डिब्बाें की बहुत खोज की गई किंतु पता नही चला।यह भी पता नही चला कि डूबने वाले डिब्बों में कितने यात्री थे। पुलिया के गिरने के कारण चांदपुर बिजनौर मार्ग पर लंबे समय तक ट्रेन बंद रही। लगभग 20 साल बाद मरम्मत हुई तक इस मार्ग पर फिर ट्रेन शुरू हुईं। झालू के समाजसेवी बाबू महावीर सिंह को ट्रेन के गिरने की तारीख याद थी। उन्होंने लेखक को नोट कराई थी। लेखक ने बिजनौर जनपद के 1971 के गजेटियर पर ये डेट नोट की थरी, पर कोई साथी गजेटियर मांग कर ले गया और लौटाया नहीं।
इस घटना के बारे में हम बचपन से सुनते आए हैं।मुझे झालू के बाबू महाबीर सिंह ने डेट बताई थी।मैने अपने 1971 के गजेटियर पर नोट किया था।कोई मांग कर ले गया।
1931− 32 के सप्लीमेंटरी नोटस के पेज छह के अनुसार अब जिला मुख्यालय रेलवे लाइन से जुडा़ है।चांदपुर स्याऊ वाया बिजनौर −मौजमपुर नारायण (जो कि इस्ट इंडिया रेलवे का मुख्य स्टेशन है )रेलवे लाइन को पूर्ण कर लिया गया।छह जनवरी 1930 को इसे यातायात के लिए खोल दिया गया
इस गजेटियर में नजीबाबाद गजरौला ट्रेन के चलने,पटरी
उखड़ने दुबारा ट्रेन चलने की डेट दी हैं।पर 81 के गजेटियर में ये नही है।
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