पूरा हो गया बिजनौर जिले का दो सौ साल का सफर
बिजनौर जनपद के 200 साल पर चिंगारी सांध्य दैनिक में मेरा लेख। पूरा हो गया बिजनौर जिले का दो सौ साल का सफर अशोक मधुप वरिष्ठ पत्रकार बिजनौर जिले का 200 साल का सफर पूरा हो गया।1824 में बिजनौर जिला बना था।इन दो सौ साल के सफर में बिजनौर ने बहुत कुछ देखा। बहुत तरक्की की तो गवांया भी बहुत कुछ। 1857 का आजादी का संग्राम देखा। इसमें जनपद को आजाद कराने में एक जुट रहे जनपदवासी एक घटना से आपस में बंट गए।पूरे जनपद में हिंदू −मुस्लिम दंगे हुए। डिस्ट्रिक्ट गजेटियर के मुताबिक इससे पहले बिजनौर मुरादाबाद का हिस्सा था। 1817 में यह मुरादाबाद से अलग हुआ। नाम मिला नार्थ प्रोविस ऑफ मुरादाबाद। मुख्यालय बना नगीना। इसके पहले कलक्टर बने मिस्टर बोसाकवेट। उन्होंने अपना कार्यभार एनजे हैलहेड को सौंपा। हैलहेड ने नगीना से हटाकर बिजनौर को मुख्यालय बनाया। जिला मुख्यालय नगीना से बिजनौर लाने का मुख्य कारण नगीना का मौसम स्वास्थय के अनुकूल न होना बताया गया । यह भी बताया गया कि बिजनौर को इसलिए चुना गया क्योंकि यह मेरठ छावनी के नजदीक था। जरूरत पड़ने पर कभी भी सेना को बिजनौर बुलाया जा सकता था। नगीना निवासी पुरानी कलेक्टरी को आज ...
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